टाइटैनिक जहाज
मनहूस साबित हुआ टाइटेनिक
पहली ऐसी जहाज जो लगभग हर आधुनिक तकनीक से लैस थी।
बनाने वाले ने बड़े जतन से इनको 3 साल की मेहनत के बाद तैयार किया।
मानव इतिहास की एक बड़ी कामयाबी थी।
इस जहाज के बनाने वाले जोसेफ ब्रूस बड़े बड़े दावे कर रहे थे।
हर जगह से उनको मीडिया कवरेज मिल रहा था।
जहाज काफी बड़ी थी लगभग 1503 आदमी इनपर सवार थे।
बनाने वाले ने ऐसी चीज बनाई की खुद पर उनको घमंड सा हो गया और इसी घमंड मे उसने ऐसा दावा कर दिया
"even god can't drown this ship"
बस यही वो असल खेल खेल गया।
11:20 मिनट को सुबह के वक्त 1912 ईसवी मे अपनी पहली ही यात्रा मे जहाज बरमूडा ट्राएंगल मे टक्कर खा लेती है और धराशाई हो जाती है।
कितने वर्षों तक मलबे तक का पता नही लग पता है।।।
टाइटैनिक सबमरीन
एक पनडुब्बी जिसे बड़े लोगों ने अपने शौक को पूरा करने के इरादे से बनवाया।
अरबों रुपए से बनी ये पनडुबी इनका काम था लोगों को टाइटैनिक जहाज के मलवे की सैर कराना जो कई हजार फीट पानी के नीचे पड़ा हुआ है।
इससे पहले 33 बार ये पनडुब्बी टाइटैनिक के मलवे तक जा चुकी थी।
देखने मे बहुत छोटी सी ही थी पर हर तकनीक से लैस थी।
इसका पायलट पॉल हेनरी जिसे mr titanic भी कहा जाता था वो भी कुछ ऐसी ही गलती कर गया।
इसने भी कुछ ऐसा ही एक स्टेटमेंट दिया
"it's impossible even for god to destroy this submarine"
बस खुदाई को चुनौती देना फिर इनको भरी पड़ा और ये भी अपने उसी अंजाम को पहुंची जहां पहले वाले पहुंचे थे।
5 दुनियां के अमीर लोग जिनके पास अथाह पैसा होता है
सारे ह्यूमन रिसोर्सेज लगाए जाते है इनको ढूंढने के।
हर कृत्रिम तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है पर कहते है ना एक बार जब 'कुन' कह दिया जाता है तो वो हो जाता है।
ये दोनो घटना इब्रतनाक तो है ही साथ मे इंसानों की औकात भी बताई गई है के तुम कितने वालनेरेबल हो।।।।
अल्लाह हम सब को अपनी पनाह मे रखे।
उनकी एक छोटी सी भी आजमाइश हमारे उपर भरी पड़ती है।
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