अब तुम्हारे हवाले है वतन साथियों/Desh-bhakti Geet – Ab Tumhare Hawaale Watan Saathiyo Lyrics

 अब तुम्हारे हवाले है वतन साथियों

Desh-bhakti Geet – Ab Tumhare Hawaale Watan Saathiyo Lyrics

desh bhakti geet
desh bhakti geet


कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथीयों

अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …

सांस थमती गई, नब्ज जमती गई,

फिर भी बढ़ते कदम को ना रुकने दिया

कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं

सर हिमालय का हमने न झुकने दिया

मरते मरते रहा बाँकपन साथीयों

अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …


जिन्दा रहने के मौसम बहुत हैं मगर

जान देने की रुत रोज आती नहीं

हुस्न और इश्क दोनो को रुसवा करे

वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं

बाँध लो अपने सर पर कफ़न साथीयों

अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …


राह कुर्बानियों की ना वीरान हो

तुम सजाते ही रहना नये काफ़िले

फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है

जिन्दगी मौत से मिल रही है गले

आज धरती बनी है दुल्हन साथीयों

अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ